देखो देखो वो कौन है
0देखो देखो वो कौन है सुपा जैसे कान है छोटे छोटे आँखे है बड़ी ही ऊँची शान है देखो देखो वो कौन है पेड़ों पर उछलता है इधर उधर घूमता रहता है क्या सच में ये हमारे पूर्वज है देखो देखो वो कौन है जिसे कहते हे जंगल का राजा क्या ह
देखो देखो वो कौन है सुपा जैसे कान है छोटे छोटे आँखे है बड़ी ही ऊँची शान है देखो देखो वो कौन है पेड़ों पर उछलता है इधर उधर घूमता रहता है क्या सच में ये हमारे पूर्वज है देखो देखो वो कौन है जिसे कहते हे जंगल का राजा क्या ह
नागों की रानी श्याम वर्णा ,काल रात्रि ये नागों की रानी , वशीभूत है जब तक फूंक रहा बीन में वाणी , शल्क - शल्क तारों सा बिंब प्रकाशित पुंज , मस्तक पे धारण कर फिरे है चंद्रप्रभा मणि , संध्यकाल से भोरावधि तक सरसरायें है फ
"Registan Ka Jahaaj" kehlata, Maru ki shaan kehlata oont. Maru utsav mein tarah-tarah ke, kartab bahut dikhata oont. Apni Lambi taangon se, sarpat daud lagaata oont. Kai dinon tak bin pani ke, jeevan apna jee jata oont. Apne kai guno ke khatir, samman sabhi ka pata oont.
दिनांक १३.०७ .२०१८ को बाल कल्याण एवम बल साहित्य शोध केंद्र में पठित बालगीत : गिलहरी टेर टेर कर कहे गिलहरी /बालगीत है मेरा प्रहरी जनम जनम का मीत है मेरा जीवन गीत है मेरे आँगन की बगिया में /एक गिलहरी रहती हर मौसम के ते
कितना प्यारा कितना भोला जैसे हो रूई का गोला , चाहा इससे बात करें हम पर मुँह से यह कुछ ना बोला। लम्बे लम्बे कान खड़े हैं हीरे जैसे आँख जड़े हैं, चलते हैं ये फुदक फुदक कर पर फुर्तीले बहुत बड़े हैं। ढका मुलायम बालों से
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