अंजान लड़की
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हुआ क्या तुझे ऐ नादान लड़की,
तु ऐसी तो थी नही, फिर क्यों कही खोई खोई सी है,
हुआ क्या तुझे, तु बदली बदली लगती है,
पहले बच्ची जैसी सबके दिलो मे रहती थी,
अब शायद कोई नयी सी रोशनी खिली हुई है,
न फिक्र किसी की, न हैरानी किसी बात की,
अब परेशान खुद है, और दुसरो से अलग है,
खुद मे ही लाजवाब हूँ, दुसरो की परवाह नही है,
ठान ली कुछ करने की, कुछ ख्वाइशों को पुरा करना है,
अपनी जिंदगी के कुछ पल बेहतर बनाना है,