अनपढ़ है तो जंगल में कैसे आया ?
0व्यंग कविता -
अनपढ़ है तो जंगल में कैसे आया ?
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एक शिकारी को सेनापति चीते ने बंदी बनाया |
जंगल के राजा शेर के पास लाया ,
उसने बतलाया |
“महाराज , यह दुष्ट जंगल में
बन्दूक लेकर झूम रहा था |
शिकार की ताक में घूम रहा था |”
शेर ने धमकाया -
“तुझे जगल के बाहर लगा बोर्ड नज़र नही आया |
जिसके निर्देशों का है सार |
प्रतिबंधित है शिकार |”
शिकारी डर के मारे थर्राया |
हाथ जोड़ कर गिडगिडाया –
“महाराज अनपढ़ हूँ ,
बोर्ड पर लिखे निदेश नहीं पढ़ पाया |
भूलबश जंगल में चला आया |
क्षमा कर दें श्रीमान |
भविष्य में रखूंगा ध्यान |”
शेर ने सवाल उठाया _
अनपढ़ है ..तो जंगल में कैसे आया ?
कैसे तूने यहाँ आने का अनुज्ञा पत्र पाया ?
जंगल में तो सारे जीव रहते हें शिक्षित |
अपने पर्यावरण को करते हें संरक्षित |
नगरों में रहते हें लोग अशिक्षित |
तभी तो पर्यावरण को करते हें दूषित |
डांटकर बोला –“क्षमा करता हूँ ,
सीधे घर जाना |
अगर जंगल में आना हो,
तो शिक्षित होकर आना |
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