Ritu basant ki bahar chhayi upawan mein, hariyali ne dukan sajayi upawan mein. mausam ne bhi badala hai chola apna, phoolon ne khushboo bikhrai upawan mein. kal tak saare thoonth khade the pedon ke, ab patton ki chhata muskai upwan mein. Dhoondh ki barish hoti rahi raaton mein, shabanam mein kaliyan nahaai upawan mein. Jhoom raha hai bhanwara masti mein kitna, sarson phooli nahin samayi upawan mein. rang-rang se dharti ne kiya shringar, abhinandan mein koyal gai upawan mein.3
या देवी सर्वभूतेषु, विद्या रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। जय माँ सरस्वती.....।। जय जय,जय हे माँ शारदे, झोली मेरी तू भर दे..!! मुझको शक्ति दे हे माता तू मुझको वर दे..!! कर दूर अज्ञान का अंधेरा ज्
हे भारत के वीर युवाओं, कर लो नमन माँ सरस्वती को, दिखा दो ताकत दुनियाँ को, कितनी शक्ति है तेरे कलमों में!! कोई बाँट ना पाये हमको, ऐसा इतिहास लिखो युवाओं, हर घर में वीर जन्मा है, बस कोई उन्हें जगा दो!! तलवार नहीं अपनी-अपनी
आ गया धरती के सिंगार का मौसम। उतर गये पेड़ों से जर्जर सब पात, सिहराते दिवस गए ठिठुराती रात। बीत गया सपनों पर तुषार का मौसम। आ गया........। फूलों से लहक उठी पेड़ों की शाख, नाप गई नभ को भी चिड़िया की पाँख। खुशियों के क्षित
ऋतुराज _______________ आ गया धरती के सिंगार का मौसम..... उतर गए पेड़ों से, जर्जर सब पात सिहराते दिवस गए, ठिठुरन की रात। बीत गया सपनों पर, तुषार का मौसम। आ गया धरती के सिंगार का मौसम.... । फूलों से लहक उठी, पेड़ों की शाख नाप गई नभ को भ