झूठ
1झूठ दिखावा, झूठ पहनना, झूठ बोलना... झूठी नीयत, कमतर कीमत, मुकर तोलना... मैला दामन मैला अंतर कब समझे ऐतबार की बातें, नेह बंध में बंधकर भी तो झूठ बोलना हृदय तोड़ना... भारतेन्द्र शर्मा (भारत) धौलपुर
झूठ दिखावा, झूठ पहनना, झूठ बोलना... झूठी नीयत, कमतर कीमत, मुकर तोलना... मैला दामन मैला अंतर कब समझे ऐतबार की बातें, नेह बंध में बंधकर भी तो झूठ बोलना हृदय तोड़ना... भारतेन्द्र शर्मा (भारत) धौलपुर
गज़ल ******* 24.01.2005 1 जब भी किसी ने हाथ थामा मेरा, हँसाने को वक़्त ने, हर कोशिश की मुझे, रुलाने को..... ............ 2 हमने आशियाँ तक जलाया आपना, रौशनी के लिए वक़्त ने आँधियाँ लाईं, उसे बुझाने को...... ............ 3 मेरी तो कोशिश थी, कि रौशनी पहुंचे
फिर एक दफा इस दिल को दुखाते जाओ हमें छोड़ जाने का__जश्न तो मनाते जाओ हम तुम्हारे लिए_____ कुछ थे भी के नहीं जा रहे हो तो महज इतना तो बताते जाओ तुम्हारी कसम____ हम न रोकेंगे तुम्हे पर आखरी बार तो__ देख के मुस्कुराते जाओ कहो
वो कहती है कभी लिखा नहीं आपने कुछ... अरे लिखने को तो मैं सारा जहाँंन लिख दू ... वो कहते है पूछा करो कोई सवाल हमसे कभी .. पूछने पे आया तो सारा इम्तिहान लिख दू... पर अब तो कलम पे भी यकीन नहीं मुझे अपनी कही लिखने चला इश्क़ और कि
Ek shaks tha Jo kbhi mujhse Ruth gaya tha Ek sath sath tha uska Jo kbhi chhut gaya tha Me firse vahi sapna dekh raha hu Jo kbhi tut gaya tha Ishq k dariya k is paar ya us paar de E sanam aa mujhe firse barbaad kr de Ishq he ik bimari Mujhe bhi bimar karar kr de E sanam ik baar fir mujhe barbad kr de E khuda mere sanam ki sada hifazat krna Chahe bure mere haalat kr de Khus rhe vo chahe mujhe barbad kr de E sanam mujhe firse barbad kr de....
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