गर तुम
0गर तुम यूँ मुख मोड़ न गए होते तुम हमारे और हम तुम्हारे होते कितनो का चाँद होगा तू पर मेरी तो पूरी दुनिया ही तुम होते गर तुम यूँ........... तेरी ही खुशबू से महकती मेरी साँसे भीगा भीगा सा एहसास दिलाते रूह से रूह में सिमट ही ज
गर तुम यूँ मुख मोड़ न गए होते तुम हमारे और हम तुम्हारे होते कितनो का चाँद होगा तू पर मेरी तो पूरी दुनिया ही तुम होते गर तुम यूँ........... तेरी ही खुशबू से महकती मेरी साँसे भीगा भीगा सा एहसास दिलाते रूह से रूह में सिमट ही ज
मैं उसपे एक किताब लिखूंगी उसमे उसे मैं सबसे खास लिखूंगी, उसके हर गलती का उसमे हिसाब लिखूंगी उसके झूठ का उसमे मैं जवाब लिखूंगी, उसके प्यार भरे हर इक राज लिखूंगी उसके वादों पे मैं सवाल लिखूंगी, उसके बताए हुए हर बात क
इश्क मेरा बे असर हो रहा है। सनम पत्थर दिल बन रहा है।।1।। कहता है इश्क होता नही है। तो तेरे खतों मे क्या लिखा है।।2।। आकर देखो मेरी किताब में। तेरा दिया वह गुलाब रखा है।।3।। क्या कहूं दिल क्यों रो रहा है। तेरी बे वफाई
इस तरह ना देख की तुझसे नज़रे मिलानी पड़ जाऐं कही मेरा दिल तेरी मुहब्बत मे पड़ जाऐं। में तेरी चाहत नही हु तो शुरुआत मे ही पीछे हट जाना, कहीं ऐसा ना हो बाद मे मुझे ब्लॉक करना पड़ जाऐं ।।
हम उनको पाने की खातिर हद से गुजर गए है। मौका जब आया मिलने का तो वो मुकर गए है।।1।। ऐसा भी कोई करता है क्या जो वह कर गए है। ज़िंदगी में हमारी वो अब गुज़रे वक्त बन गए है।।2।। उनको करनी ना थी बेवफाई जो वो कर गए है। हम ज़िंदा ह
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