भाई
0भाई भाई तू मेरा संसार है माँ पापा का प्यार हो तेरे प्रेम और स्नेह का जैसे ईश्वर का दीदार हो माँ पापा ने जैसे स्नेह किया तूने भी अपना प्रेम दिया करते हो सब अर्पण मुझपे जैसे अपना संसार दिया दीपक के लौ हो जैसे घर पूरा
भाई भाई तू मेरा संसार है माँ पापा का प्यार हो तेरे प्रेम और स्नेह का जैसे ईश्वर का दीदार हो माँ पापा ने जैसे स्नेह किया तूने भी अपना प्रेम दिया करते हो सब अर्पण मुझपे जैसे अपना संसार दिया दीपक के लौ हो जैसे घर पूरा
नमस्ते एहसास अपनेपन का ग्रुप परिवार। मैं सुमित अपनी एक और कविता आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। आशा करता हूं कि आप सभी को ये कविता बहुत पसंद आयेगी। कृप्या करके आप सभी अपना प्यार और आशीर्वाद देकर कृतार्थ करे
नमस्ते एहसास अपनेपन का ग्रुप परिवार। मैं सुमित एक और कविता आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। आशा करता हूं कि आप सभी को ये कविता बहुत पसंद आयेगी। कविता: " मैं और मेरे भैया" हो जी अच्छे-अच्छे भैया मेरे, सबसे प्यारे
रक्षा बन्धन का त्यौहार, आता है बर्ष में एक बार, उमंग,हर्षोल्लास के संग, बहन जाती भाई के द्वार, रोचन करती बड़े प्यार से, बाँधे कलाई पे राखी का हार, उसके लिए करती मंगलकामना, देती भाई को दुआएं अपार, ख़ुशी ख़ुशी भाई भी बहन को
राह न तकना मेरे भइया, इस बार भी न आ पाऊँगी, राखी के इस पर्व को मैं, दिल से सदा निभाऊंगी।। बसेरा है मेरा दूर देश में, कैसे समझाऊँ मेरे भाई, कोरोना का आतंक बढ़ा है, सबकी जान में आफत आयी, सुरक्षित रहना तुम भी भइया, सावधानी म
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