भारतीय सभ्यता
0भारतीय सभ्यता हाथ हिला हिला कर ये है है क्यों करते हो ? हाथ जोड़कर सीधे नमस्कार क्यों न करते हो। नमन से उदगार हुआ नमस्कार, भारतीय सभ्यता का प्रतीक है नमस्कार। सीमा रेखा को बढ़ाने के लिए लगे हुआ हो, ज़मीन के टुकड़े के लि
भारतीय सभ्यता हाथ हिला हिला कर ये है है क्यों करते हो ? हाथ जोड़कर सीधे नमस्कार क्यों न करते हो। नमन से उदगार हुआ नमस्कार, भारतीय सभ्यता का प्रतीक है नमस्कार। सीमा रेखा को बढ़ाने के लिए लगे हुआ हो, ज़मीन के टुकड़े के लि
गाली गौरव हर भाषा हर देश में ,गाली का अस्तित्व समय समय की गालियाँ, रखतीं बड़ा महत्त्व रखतीं बड़ा महत्त्व ,भरें खुशियों से झोली होता द्वाराचार ,उछलतीं गाली भोली देती हैं आनंद ,सभी को अच्छा खासा समय विषय अनुकूल, गूजती
बहुत हुआ अब शास्त्र पढ़ाना बहुत हुआ अब धर्म ज्ञान जो बचना है तुझको ऐ हिन्दू कर तैयारी ये है महासंग्राम तुझे बचाने को कृष्ण नहीं अब आएंगे देवी माँ काली का रूप नहीं दिखलायेंगी परशुराम सा तेज भाल पर है तेरे उठा शस्त्
मेरे जिस्म के चिथड़ों पर लहू की नदी बहाई थी मुझे याद है मैं बहुत चीखी चिल्लाई थी बदहवास बेसुध दर्द से तार-तार थी मैं क्या लड़की हूँ, बस इसी लिये गुनहगार थी मैं कुछ कहते हैं छोटे कपड़े वजह हैं मैं तो घर से कुर्ता और सलवा
ਮਹਿਕਦੀਆਂ ਹਵਾਵਾਂ ਦੇ ਿਵੱਚ ਬੋਲਨ ਤਿੱਤਰ ਬਟੇਰ ਆ ਨੀ ਸਹੇਲੀਏ ਗਲ ਲੱਗ ਿਮਲੀਏ ਹੋਏ ਅਸਾਂ ਦੇ ਚਿਰਾਂ ਤੋਂ ਮੇਲ ਸੁਣਾ ਦੇ ਬਾਤ ਕਿੰਨੇ ਪੂਨੀਆ ਗਲੋਟੇ ਕਰਤੇ ਤੇ ਕਿੰਨੇ ਰਹਿ ਗਏ ਹੋਰ ਸੇਰ ਕਿੰਨੇ ਖੇਸ ਦੇ ਬੰਬਲ ਕੁੱਟੇ ਕੀ ਬੁਣਤੇ ਸਵੇਟਰ ਮਾਹੀ ਲਈ ਬੁਣਤੀਆਂ ਉਧੇੜ ਪਾ
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