दोस्तों तुम याद आओगे
0When I had to shift to other city leaving my friends because of my father's transfer,I got some thoughts about my friends in my mind
क्यों तुम दिल के इतने पास आये।
के दूर तुमसे अब जा ही न पाएं।।
जब जब रूठने का भाव आया मुझमें ।
तब तब मुझे मना कर मुझे, अंदर मेरे आशा की किरण जलाई तुमने।
राह में छोड़कर चल दिये जब तुम ।
खोकर इस संसार में, हो गया मैं गुमसुम।।
लगता था पहले की इन बंदरों से छुटकारा कब मिलेगा ।
लगता है अब की तुम बंदरों से दोबारा कब मिलूंगा ।।
लगता था पहले कि, कभी न होऊंगा तुम सबसे दूर ।
मगर वक्त ने किया हम सबको मजबूर ।।
तुम सबको कभी भुला न पाउँगा ।
तुम सबसे दोबारा मिलने का मौका न जाने कब खोज पाउँगा ।।
चाहे तुम सब में से कुछ थे मुझे डरते ।
फिर भी न जाने क्यों, लगते हो तुम सब मेरे अपने ।।
दोस्तों तुम सबको कभी भूल न पाउँगा ।
क्या मैं तुम सबको कभी याद आऊंगा ??
जी नहीं लगता तुम बिन मेरा ।
कैसे तुमसे मिलूंगा दोबारा, ढूंढता हूँ मैं वही सवेरा ।।
Dedicated to
My dearest friends of Std VIII A MPS UNIT 1
Dedication Summary
Friend I won't be able to forget you all and I will miss you very much.
I don't know what you all think about me or you will remember me or not , but I want to tell you that you have been very special to me and i will miss you....
Nice poem..
Awesom.