कल्युग दैत्य
0युगो से जलाते आ रहे पर तू क्यो जलता नही ..I दैत्य दशानन तू कल्युग मे भी क्यो मरता नहीं ..II अपहरण की जो रीति तूने बनायी थी तभी ..I आज भी वो सब करने से क्यो कोई डरता नहीं ..II जन खून से नहाते आ रहे तू क्यो सुधरता नही ..I तू दश् से इ
युगो से जलाते आ रहे पर तू क्यो जलता नही ..I दैत्य दशानन तू कल्युग मे भी क्यो मरता नहीं ..II अपहरण की जो रीति तूने बनायी थी तभी ..I आज भी वो सब करने से क्यो कोई डरता नहीं ..II जन खून से नहाते आ रहे तू क्यो सुधरता नही ..I तू दश् से इ
जग जननी माँ अम्बे भवानी तेरी कृपा हो माँ जग कल्याणी महिमा अनोखी है अम्बे महारानी जय हो तेरी माँ जगदम्बे भवानी आया नवरात्र आयी नवरात्रि जय माँ जगजननी शैलपुत्री दुख दर्द माँ सबके दूर करती सब भक्तों के दुखों को हर
रावण बनना भी कहां आसान था, अहंकार था तो पश्चाताप भी था..! वासना थी तो संयम भी था..! सीता के अपहरण की ताकत थी, तो बिना सहमति पर स्त्री को स्पर्श ना करने का संकल्प भी था...! सीता जीवित मिली ये राम की ताकत थी, पर.... सीता पवित्र
रावण कहता है चौराहे पर खड़ा कर मारते हो मुझे बुराई की नज़रों से देखते हो मुझे कसूर क्या था बस अहंकार मेरा, कहता हूँ राम समझे जो खुद को वो मारे मुझे तीनो लोक चारों पहर बंधे मेरी खूंटी से शक्ति थी मांगू जो मिला वो महादे
Rangmanch hai ye sansaar har vyakti nibha raha hai yahan koi na koi kirdaar naqaab he naqaab hai cheharo pe yahan har koi kar rha hai ek dusre ke kirdaar par vaar rangmanch hai ye sansaar rangmanch hai ye sansaar insaan ne kar diya hai, insaaniyat ko sharmsaar yahan dilo me pyaar nhi, yahan toh sirf hota hai bhavnao ka vyapaar rangmanch hai ye sansaar rangmanch hai ye sansaar tum nhi jaan paoge , kaun nibha raha hai yahan raavan ka kirdaar har patra hai yahan daagi, har dil me hai zeher aapar rangmanch hai ye sansaar rangmanch hai ye sansaar ya
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