बचपन में जिन्होंने अपने कंधे पे मुझे बैठाया वो इंसान है मेरे पापा । मुश्किलों में हाथ पकड़कर पे जिन्होंने उठाया वो बलवान है मेरे पापा । कभी धरती तो कभी आसमान है मेरे पापा मेरे लिए हमेशा ही भगवान है मेरे पापा सही र
मेरी कविता: मेरे पापा अपनी परेशानी को टाल कर, बस मेरी उल्झनों में लगे रहते हैं सारे रिश्तों से बड़कर है जिनका दर्जा हम उन्हें पापा कहते हैं मेरी एक ज़िद पूरी करने के लिए रातों को उठ जाते हैं मैं हमेशा हसंती रहूं मे
क्या तुम्हें भी लगता है आसान है पुरुष होना गम अपने अंदर दफन कर मुस्कुराकर रोना जरूरत पूरी करने के लिए ख्वाहिशों को खोना कमाने को गांव से दूर जाकर छुप छुप कर रोना सपने पूरा करने के लिए अपनों से ही दूर होना सुख और दु
सहेज कर रखा हूँ दिल में पापा की धुँधली यादों को, विन्रम एवं आदर्शवादी व्यक्तित्व को। बच्चों और परिवार के प्रति था उनका अद्भुत समर्पण, मेरे पापा थे कर्तव्यपरायण। हमेशा शक्ति और स्तंभ रूप में कार्य किया हमारे लिए
SONG :- बाप:-भगवान का विशेष रुप LYRICIST :- N.K.M. [ +916377844869 ] LYRICS :- ::::::----- INTRO PART ::::::------- आंधियों से तू टकराया बापू जिम्मेदारी लिए, पत्थर खुद पे गिराया तू ढ़ेर लेकर मेरे लिए, ****************************** ::::::----- CHORUS PART ::::::------- बाप मेरा है भगवान का विशेष रुप लिए, अपमान स