गर्मियों की छुटटी....
3गर्मियो की छुटटी.....
जब स्कूलों की पढ़ाई से
ऊब जाता हे बच्चों का मन
तब बच्चे करना चाहते है
खूब सारा फन
उनकी इन ख्वाइशों को
पूरा करता है समर वैकेशन
गर्मियो की छुट्टियों में
ना तो है पढ़ने की चिंता
और ना है स्कूल जाने का टेंशन
छुट्टियां शुरू होते ही
बढ़ जाती है इनकी शैतानी
दिन भर उछल-कूद
और हर वक़्त अपनी मनमानी
इनकी शरारते चलती है
सुबह से लेकर शाम
बच्चो की इन छुट्टियों में
सभी मम्मी को भी मिलता है आराम
कोई जाता है दादी घर
तो कोई नानी के घर
छुट्टियों में बच्चो का मन
खुशियों से जाता है भर
छुट्टियों की मौज-मस्ती में
बच्चे भूल जाते है अपना होमवर्क
छुट्टियां तो उनको लगता है स्वर्ग
और फिर से स्कूल जाकर
लगता है जैसे आ गए है नर्क.......
Verry nice poem.
Verry nice.
Very Nice poem.
Very nice & awesome poem.