Nani
1बड़े सवेरे पूजा करती
ईश्वर की प्रतिमाएं नानी।
बड़े चाव से फिर पढ़ती है
ज्योतिष की पत्राएं नानी।
रोज सुनाती अच्छी-अच्छी
सबको लोककथाएं नानी।
ढेरो सारी याद किये है
लोरी औ’ कविताएं नानी।
अच्छे-अच्छे सबक सिखाती
लगा पाठशालाएं नानी।
जब हमको कुछ भी दुःख हो तो
हर लेती चिन्ताएं नानी।
बूढ़ी है सो अजब बनाती
अपनी मुख-मुद्राएं नानी।
Ramesh Raj
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