गुरु जी की विदाई
3ना कोई खून का
रिश्ता था कभी आपसे
फिर कैसे घनिष्ठ हो गया
दिल का रिश्ता आपसे ।
आए थे जिन्दगी में हमारी
फरिश्ता बनकर आप
जिन्दगी को नये आयाम
देकर जा रहे हो आप ।
पग पग पर मार्गदर्शन करके
जीने योग्य बनाया आपने
संस्कारों का पाठ पढ़ा कर
आज काबिल बनाया आपने ।
सच्चे शिक्षक के परिचायक
आदर्शों की मिसाल हो आप
हम अबोध बालको के लिए
जलता हुआ चिराग हो आप ।
हम भटके हुए नादानो को
मंजिल की राह दिखाई आपने
हमारी योग्यता को समझकर
नई नई बातें सिखाई आपने ।
सदा आपके आदर्शों पर
चलने की प्रतिज्ञा करते है ।
आपकी सीख को जीवन में
अपनाने का वायदा करते है।
आज बहुत भारी मन से
दे रहे है विदाई आपको
आने वाले भावी जीवन
की बहुत शुभकामनाएँ आपको
शिक्षक जी हम जीवन में
आपको ना भूल पाएँगे
खुशियाँ सदा बनी रहे
आपकी यही ईश्वर से
प्रार्थना करते रहेंगे ।
Nice poem.
Very nice poem . Bahut sundar.
shows how emotionally you are attachment towards your teacher.keep up..
Nice one . All the best.
Beautiful lines..heart touching poem.
Heart touching poem.