मोहब्बत का रंग
0नफ़रत को घोलो दोस्ती और प्यार के रंग में, ऐसे तुम मनाना होली, तन से रंग भले ही उतरे, मन से अच्छाई का रंग ना तुम उतरने देना, ऐसे तुम मनाना होली । भेद - भाव ना रहे दरमिया , ना मजहब की हो दीवार ,ऐसे तुम मनाना होली । दिल ना कि
नफ़रत को घोलो दोस्ती और प्यार के रंग में, ऐसे तुम मनाना होली, तन से रंग भले ही उतरे, मन से अच्छाई का रंग ना तुम उतरने देना, ऐसे तुम मनाना होली । भेद - भाव ना रहे दरमिया , ना मजहब की हो दीवार ,ऐसे तुम मनाना होली । दिल ना कि
Holi aai, Holi aai, le ke satrangi rang, Ramu, Shyamu, Sheela aao, chalo karein huddang. Aao hil-mil holi khelein. aalingan kar vair ko bhoolein, khushiyon ki ladiyan bikhrakar, chaaye nai tarang. Sabka Pyara Tyohar Hai Holi, Rangon ki bauchhar hai holi, masti ke rangon mein ghulkar, jaage nai umang.
अब जब होली आती है ,तो उसका मतलब बस छुट्टी है ! होली जैसी होली तो बस नवोदय में ही मनती है । होलिका दहन के वक्त भी कितना चेहका करते थे , थाली बजा बजा कर जयकारे पूरे हॉस्टल में गुंजा करते थे
*होली का त्योंहार* होली का है यह खेल निराला। खेल रहा है हर नर और बाला। सबने खुद को प्रेम रंग में ढाला। त्योंहार मना रहे है रंगों वाला। आओ सब साली और साला। पीके सब भांग का एक प्याला। लगा कर के रंग कोई आला। सब को बनाये
रंगों को आज नवजीवन मिला, जब उनका पानी से मिलन हुआ, पुलकित है अंदर ही अंदर उनका मन, अगाध स्नेह सह प्रेम जब से हुआ... प्रलाप करते दोनों मिल आज, हम दोनों के बीच ये कैसा राज ? तुम रंगहीन और मैं भी सुखी हूँ, मिलने से सभी के चेह
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