जन्म दिन उपहार
0जन्म दिन उपहार
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1.दूं क्या तुम्हें,
तुम्हारे जन्मदिन पर,
कुछ भी नहीं है देने को
चाहा था खरीद लूं ,
एक अच्छा सा उपहार
तुम्हें देने को ,
पर नहीं मिला ,
आज के बाजार में,
कोई अनुपम भेंट,
जो पास तुम्हारे नहीं हो ,
मुझे देने को .
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2.फिर सोचा ,
और कुछ लिख रहा हूं, पंक्तियां चंद ,
तुम्हें देने को ,
विश्वास है कि अच्छा ही नहीं बहुत अच्छा लगेगा ,
तुच्छ है, फिजूल है ,
अभी तुम्हारे लिए
पर अमृत ही सिद्ध होगा
वक़्त के सफ़र मे ,
तुम्हारे लिए..
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3.छोड़ दो सारी बुराइयां,
हमारे लिए,
वरना दुख होगा ,
हमको ,तुम्हारे लिए,
क्यों है ? इतनी क्रोधाग्नि ,
तेरे मन में ,
इसमें ताकत है ,इतनी की सफलताएं जल जाएगी सारी
इसकी आग में, इस क्रोध में!
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4.गंगा ,सम्राट अशोक ,व डाकू अंगुली माल को हुआ क्या?
सर्वविदित है....
घमंड, रावण को हुआ था
जो वेद वेदांत का सर्व ज्ञाता,
पर हस्र ,तुम भी उनका जानते हो, संभल जाओ।
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5.करुणा ही एक है मात्र ऐसा आभूषण ,सखा __
जिस ने दिलाई गांधी को राष्ट्रपिता की पदवी,
हो गया समस्त ब्रह्मांड पीछे गौतम बुद्ध के ,
बन गया साधारण राम भी पुरुषोत्तम श्री राम
बन गई बुड्ढी काया
मदर टेरेसा भी नोबेल विजेता
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6.हो गया अंगुलिमाल भी
अपने करुणा का दास
क्या नहीं है इसमें सफलता के असीम गुण
अपना लो इसे और चल पड़ो
क्रोध से करुणा के मार्ग पर सफलता की ओर.........
Dedicated to
Students , बेटा बेटी
Dedication Summary
Because, it is inspired to them.