किसकी तस्वीर को.....
1किसकी तस्वीर को सीने से लगा बैठे हो,
कौन सी बात को अफ़साना बना बैठे हो।
जाने क्या बात है किस बात की उदासी है,
क्यों अँधेरे में चरागों को बुझा बैठे हो।
ये आंसू, ये उदासी तेरे सब वाजिब हैं,
तुम भी किससे अपने दिल को लगा बैठे हो।
आओ तुमको सुनाऊ 'मीर'की ग़ज़ल कोई,
आज फुरसत से मेरे पास यहाँ बैठे हो।
वास्ते मेरे तुम्हे खुल्द भी क़ुबूल न था,
तोड़कर रब्त सभी हमसे यहाँ बैठे हो।
Rahul rai