लड़की पूछ रही है!
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उसकी कीमत क्या है? एक मोमबत्ती जितनी!
उसका वजूद क्या है? एक चींटी जितना!
की कोई भी जला जाए,कोई भी कुचल जाए।
फिर सवाल मुझसे मेरे लक्षण पर किया जाए।
देवी जैसे ना पूछो मुझे,बस एक इंसान मान लो।
मेरे भी कुछ सपने हैं, तुम भी उनको पहचान लो।
जन्नत नहीं मांगी तुमसे, बस मेरे हिस्से का आसमान दो।
मर्द कहते हो खुद को अगर,तो नारी का सम्मान दो।
-अमृत रेक्स
(मुजफ्फरपुर,बिहार)