लल्लू मत कर हल्ला-गुल्ला
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लल्ला न कर हल्ला -गुल्ला
लल्ला लल्ला मेरे लल्ला
बात न अच्छी करना हल्ला
लल्ला न कर हल्ला -गुल्ला
रात होगई घिरा अँधेरा
पशु पक्षी ने किया बसेरा
निंदिया ने सबकी आँखों में
सोच समझकर डाला डेरा
बुला रही तुझको भी निंदिया
सो जा तू भी मेरे लल्ला- - -
धरती अम्वर बिछा बिछौना
चाँदी चादर तकिया सोना
परी लोक से आई निंदिया
गाती लोरी गीत सलोना
गहरी नींद सुलाती सबको
सोजा तू भी मेरे लल्ला- - -
सब दिन तूने शोर मचाया
जैसे तैसे दूध पिलाया
स्वर्ण हिंडोला तुझे बुलाता
सपनों की सौगातें लाया
नाच रहा है गा गा लोरी
अब तो सो जा मेरे लल्ला- - -
Dedicated to
,सभी बाल साहित्य प्रेमियों को
Dedication Summary
उत्प्रेरक शिशु गीत