Ek Itafaak Achcha Laga
0Poem No. 106
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एक इत्फाक अच्छा लगा
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आज इत्फाक से उन्हें देखा अच्छा लगा
आज सुकून से उनकी आँखों में डूबा अच्छा लगा
छु के वो मेरे मन के दामन को भिगो गये
पर आज कई दिनों बाद जब चाँद को देखा तो
अच्छा लगा
आप की कोमल सी पंखुडियो ने जब नाम इस दीवाने का लिया
उस परवर दीदार की कसम आज अच्छा लगा
आ कर तुम्हारे पास तुम्हे यु निहारते निहारते
भरी दोपहरी में आज यु सावन का आना अच्छा लगा
इस प्यार की बारिश में हम दोनों का खोना
यु आप से गले लग कर जोर जोर से रोना
इत्फाक उस वक्त का देखिये क्या गजब था
छीन ली साँसे मेरी जब शरीर उनकी गोदी में था
यु मेरा दुनिया छोड़ना अच्छा लगा
आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (RATHOREORG20)
07:35pm, Sat 25-05-2013
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