मौत का सन्नाटा है
0मौत का सन्नाटा है!
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1.हर तरफ मौत का मंजर है।
किधर जाएं यारों?
जिंदगी परेशान है
इधर या उधर जाएँ यारों!
हर तरफ मौत का मंजर है
किधर जाएं यारों?
2.
हर गली, कुचे से निकलता है ,जनाज़ा यारों!
ना अपनो का कंधा ही किस्मत मे लिखा है यारों!
कब्रिस्तान भी कम पर गये हैं ,कहाँ दफनाए यारों!
3.
आपस मे लड़ना अब भी छोड़ो,
एकता बना लो यारों!
यह देश है हम सभी का,
ना गुलशन उजारों यारों!
मेरी कहा ना सुनो, अपने वतन की तो सुनो!
अपने माताओं की लाज़ तो संभलों यारों!!
4.
ना गुलज़ार, ना गालिब,
ना ही,मैं राही मासूम रज़ा हूँ!
अपने छोटे से गाँव का ,
एक अदना सा इंसान हूँ यारों!
5.
मेरे हर शब्द का अर्थ ,
ना निकालना यारों
कई माताएं हो गई सूनी ,
और वधुयें हो गयी विधवाएं यहाँ,
नौनिहालो को तो बचा लो ,
अनाथ होने से यारों!
6.
मेरे गीत गाओ या ना गाओ,
मगर, अपने शहर को बचा लो यारों!!
