मेरी जान
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*मेरी जान*
वो है सिर्फ मेरा..... ये हम सरे आम लिखेंगे
मेरी जान तुझे हम खुदा का नायाब इनाम लिखेंगे
तेरे चेहरे को लिखेंगे बग़दाद की हसीन सुबह हम
तेरी हसीन ज़ुल्फ़ों को नजफ़ की ढलती शाम लिखेंगे
दफ़अतन जो कोई पूछ बैठे आखरी ख़्वाहीश हम से
जानम... मेरे लरज़ते हाथ फ़क़त तेरा ही नाम लिखेंगे
तेरे पहलू में गुज़र जाए ये हक़ीर ज़िंदगी मेरी
तेरे ही नाम हम ज़िंदगी की घड़ीया तमाम लिखेंगे
तेरे लबों की नाज़ूकी से शर्मिंदा है गज़लें मीर की
तेरी आँखों को हम गालीब का धड़कता कलाम लिखेंगे
तेरे दियार में गुज़री जो घड़ीया मूसाफीर की
उस हर घड़ी को हम ख़ुशीयों का पयाम लिखेंगे
Dedicated to
तेहरीम सिद्दीकी (मेरी जान)
Dedication Summary
Because she is my love, my jaan, my life. I dedicate my every word & moment to her. I love her.