Meri Wajood Ki Rooh Me Basa Hai Tu
0मैं हूँ ढलती शाम अगर
तो उस शाम में एक जलता दिया है तू,
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मैं हूँ इश्क़ सच्चा अगर
तो मुझमें मौजूद मासूम सी दुआ है तू,
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मैं हूँ तपती धरती सी जो
तो ठंडक पहुंचाता ठंडी ठंडी हवा है तू,
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मैं हूँ ज़ख़्मी मोहब्बत अगर
तो उसे राहत देता दर्द ए दवा है तू,
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तू नहीं तो मैं कुछ भी नहीं,
क्योंकि मेरी वजूद की रूह में बसा है तू……
Anju Verma Nisha
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