मोहब्बत का रंग
0नफ़रत को घोलो दोस्ती और प्यार के रंग में, ऐसे तुम मनाना होली,
तन से रंग भले ही उतरे, मन से अच्छाई का रंग ना तुम उतरने देना, ऐसे तुम मनाना होली ।
भेद - भाव ना रहे दरमिया , ना मजहब की हो दीवार ,ऐसे तुम मनाना होली ।
दिल ना किसी का दुखने पाए, खुशियों और मोहब्बत के रंग से रंग दो सारा जहां, ऐसे तुम मनाओ होली ।
©️ काव्या शेखर
Kavya Shekhr
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