पहचान ही क्या
0जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये वो चाल ही क्या ? जो तेज भी दौडे और मंजिल तक न पहुँचे वो रफ्तार ही क्या ? जो चहरा देखकर मुँह फेर ले वो प्यार ही क्या ? एक टक देखते रहे और कुछ ना देखे उन आँखों का ऐतबार ही क्या ? सबको अच्छे से
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये वो चाल ही क्या ? जो तेज भी दौडे और मंजिल तक न पहुँचे वो रफ्तार ही क्या ? जो चहरा देखकर मुँह फेर ले वो प्यार ही क्या ? एक टक देखते रहे और कुछ ना देखे उन आँखों का ऐतबार ही क्या ? सबको अच्छे से
वह है आईने सा सब को सच्चाई ही बताता है। अक्स है जिसका जैसे बस वैसे ही दिखाता है।।1।। उसकी ये पहचान उसके लिए ही है खतरनाक। क्योंकि वो सच को झूठ कभी भी ना बनाता है।।2।। उसके अपने ही उससे है बहुत ही यूँ तो परेशां। वह अप
शराफत का पहने हैं वो नकाब, सम्भल कर रहिये जरा तुम जनाब। ईर्ष्या द्वेष का जहर मन में छिपा, शक्कर बातों में घोले वो बेहिसाब। झूठ का तानाबाना बुना हर तरफ, छिपाकर के सच को समझ बैठे कामयाब। झूठ की उम्र होती है छोटी बहुत,
सदियों से है तलाश तेरी नहीं मिली तूह किसीको जंग लड़ी खून बहाया कई राजाओं ने तेरे लिए पैसा दोलत सोहरत मिली बस जो ना मिला वो तु थी जो चाहा वो मिला था और जो ना मिला वो छीन लिया कर के घर बर्बाद लोगों के अपने महल को आबाद क
Aya gubbare wala aya. Rang birange gubbare laya. Lal hare peele gubbare. Neele narangi gubbare. Her rang man ko bhaya. Aya gubbare wala aya. Aao bachcho lo gubbare. Unche svar men ye pukare. Guchchha gubbaron ka laya. Aya gubbare wala aya. halaki hava hai jinke ander. vo gubbare udate uper. uncha lakshya dikhaya. Aya gubbare wala aya. Sab gubbare sath hain rahate. Rang ke karan nahin jhagadate. Sab ko yah samjhaya. Aya gubbare wala aya.
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