तू कुछ कर गुजर..बस कुछ कर गुजर
0हर अंधेरे को एक सवेरा मिलता है हर कांटो के ताज पर फुल खिलता है। फिक्र क्यूं करना समस्याओ की हे मनूष्य? हर काले बादल को एक रोशनी का किनारा मिलता है। संघर्ष किए बिना जीत नही मिलती है। हर तूफान मे भी एक नयी कली खिलती ह
हर अंधेरे को एक सवेरा मिलता है हर कांटो के ताज पर फुल खिलता है। फिक्र क्यूं करना समस्याओ की हे मनूष्य? हर काले बादल को एक रोशनी का किनारा मिलता है। संघर्ष किए बिना जीत नही मिलती है। हर तूफान मे भी एक नयी कली खिलती ह
पिंजरा पंशियो का पंखो से नाता तोड़ कर उसे जीते जी लाचार करे तू, देख उदासी उनकी रोने पर भी हँसे तू आसमा में उड़ने के हौसले पंशी के शौक़ से जिंदगी पिंजरे में कैद करे तू। सोच अपनी भी एक जिंदगी है जिसका अपने ही कर्मो से नात
बेहतर टूटने से तो बिखरना बेहतर, बिखरने से तो सिमटना बेहतर। ये लम्हों के मोती है जिंदगी के, अपनत्व की डोर में पिरोना बेहतर। माना आस- निराश के झूले में, कभी ऊपर -नीचे हो जाते हैं। आत्मबल की थाम के रस्सी, गिरने से तो सं
सुख और दुःख जीवन में आता जाता रहता है तू तो हिम्मत वाला है "ऐ इंसान" तू क्यों घबराता है दुःख में तू प्रभु का सुमिरन करता है सुख में क्यों भूल जाता है सुख में क्या होता है ऐसा जो तू प्रभु का स्मरण नहीं कर पाता है सुख जब
मुश्किलों से अब हमनें घबराना छोड़ दिया, छोटी छोटी बातों पर अश्रु बहाना छोड़ दिया। उम्मीद का दामन पकड़ा है जब से हमनें, निराशा ने इस दिल का आशियाना छोड़ दिया। आस की ज्योति जलाई अपने मन-मंदिर में मैंने अंधेरे ने बात-बात
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