मुझे फक्र है मेरे देश में
0
जब बात आई मेरे देश की,
मेरी कलम भी इतराने लगी,
उन पन्नों से भी ज्यादा,
सब देशों से भी निराली है,
मेरे देश की हर वो बात,
जिसे सुनकर दिल कहता है,
मुझे फक्र है मेरे देश में।
उन माताओं को मेरा प्रणाम,
जिस ने उन वीरों को जन्म दिए,
खुद सीने में गोली खाकर,
राष्ट्र ध्वज को झुकने ना दिए,
हंसते हंसते वो कुर्बान हुए,
मिटने ना दिए देश की शान,
जिसे देख उन सुर वीरों को,
दिल कहता है शत-शत मेरा प्रणाम,
देशभक्ति की ऐसी गाथा,
सुनी किसी ने कभी ना होगी,
जिसे सुनकर दिल कहता है,
मुझे फक्र है मेरे देश में।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई,
यहां सभी है भाई भाई,
कोशिश तो बहुत की दुश्मनों ने, हम सबको लड़वाने की,
ईट का जवाब पत्थर से खूब दिया मेरे भाइयों ने,
यहां तो दुश्मनों को भी जी कह कर के बुलाते हैं,
इतनी इज्जत शायद किसी देश में मिल पाते हैं,
जिसे देख कर दिल कहता है,
मुझे फक्र है मेरे देश में।
दिल में देश प्रेम कभी कम ना हो,
यूं ही शान से लहराए राष्ट्र तिरंगा,
कभी इसकी शान कम ना हो,
हर भारतीयों को यह अभिमान हो कि भारतवासी हैं हम,
इस बात पर फक्र है मुझे,
मैं इस देश की बेटी हूं,
जिसे देख कर दिल कहता है,
मुझे फक्र है मेरे देश में।
जय हिंद जय भारत
Dedicated to
Indian
Dedication Summary
देश के उन सुर वीरों को जिसकी वजह से आज हम आजाद हैं।
जय हिंद जय भारत