पलने में आनंद नवीनतम संग्रह से एक लोरी लैया पैया
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पलने में आनंद नवीनतम संग्रह से एक लोरी
लैया पैया
लोरी सुन सुन आती/निंदिया लैंया पैयां
स्वप्न लोक की परियां /थामें उसकी बहियाँ
चलती पैयां पैयां /मम्मी लेय बलैयां
ज्यों ही लेती मुनियाँ /आई उस्क्लो निंदिया
लगी देखने सपने/बिना बात के हँसने
मम्मी ने दी थपकी/निंदिया ने थपकी
[भरूच:१५ .१२,२०१६]
Dedicated to
sabhi bal sahitykaaron ko
Dedication Summary
motivational poem