परिवर्तन तो प्रकृति का नियम है
0परिवर्तन तो प्रकृति का नियम है
बस उसे श्रेष्ठ बनाना बाकी है।
बहुत कुछ बदल रहा है
बहुत कुछ बदलना बाकी है।
मेहनत की मिठास घुल रही
अभी सफलता की चाशनी बाकी है।
बहुत कुछ सहन किया इस मुकाम तक आने में
अभी मंजिल को पाना ही बाकी है।
अनगिनत प्रयासों के अंबार,
अभी सफलतों की झड़ी बाकी है।
हौसला तो देखा है सबने मेरा
अभी उसकी पराकाष्ठा बाकी है।
कोयला बनकर बहुत तपे हैं
बस हीरों सा चमकना बाकी है।
परिणाम ऐसा हो प्रयासों का, कि कोई ये
ना कहें की अभी अध्याय बाकी है।
