03 -Mar-2022 Buddha Prakash Patriotic Poems 0 Comments 121 Views
आओ अब लौट चलें वह देश ..। अपना देश है बड़ा प्यारा, सुख शांति बसा है प्यार हमारा, अजनबियों के यहांँ से तो अच्छा है, अपनों के लिए लुटा दूंँ प्राण सारा । आओ अब लौट...............।।१। मांँ की ममता बसी हो जहांँ पर, मिट्टी की खुशबू रम
मंजिल से भटकी हूं या मंजिल ही ना पता पता सबकुछ है ,फिर कैसे कह दूं खुद को लापता कहने को बहुत है राहे, पर चुनना आसान कहा चुन भी लूं, तो मन लगे, बो बात कहा थोड़ी अधूरी, थोड़ी घायल परिंदे जैसी है जिंदगी करना चाहती सबकुछ ह
न रुकना है, न झुकना है, बस आगे बढ़ते जाना है। चिड़िया नहीं,अब भारत को सोने का बाज बनाना है।। यह पवित्र - पावन भूमि है, यह देश विश्व गुरु है। सिंधु ज्वार, गंगा की धार, धर्म ज्ञान यहीं शुरू है।। वेदों का संसार यहाँ, ज्ञान क
आजादी अनमोल कहानी! ए मेरे भाई-बहिनों,सुन लो अनमोल कहानी ! जब जब इसको दुहराना,कभी न लगे पुरानी बाल औरआवालों के,घाव उगा था गहरा जिसको देखो उसके था,साँस -साँस पर पहरा राष्ट्र-भावना जब जागी,'डायर' के शूल चुभे कुर्बानी के
तेरे चरणों की धूल बनूँ। पूर्ण करो तू साध विधाता गले माल बन झूलूँ, भारत - माता की चौखट पर चढूँ , रेणुका छू लूँ। मधुवन का खिलता फूल बनूँ तेरे चरणों की धूल बनूँ। बनूँ नी