भ्रष्ट राजनीती।
0ये कौन है, जो नई फसलों की जड़ों को हिला रहा है ये कौन है, जो धर्म जाति के नाम पर नफरत फैला रहा है, ये कौन है, जो हिंद की नींव से खिलवाड़ कर रहा है, ये कौन है जो युवाओ मे नशे, लड़ाई के बीज भर रहा है, ये कौन है जो नई मजबूत दीवा
ये कौन है, जो नई फसलों की जड़ों को हिला रहा है ये कौन है, जो धर्म जाति के नाम पर नफरत फैला रहा है, ये कौन है, जो हिंद की नींव से खिलवाड़ कर रहा है, ये कौन है जो युवाओ मे नशे, लड़ाई के बीज भर रहा है, ये कौन है जो नई मजबूत दीवा
शिक्षा ,दीक्षा और चिकित्सा इनके साधन अब बटे बराबर असन ,वसन ,आवास सुलभ हों सांसे पलें न फुटपाथों पर पूर्ण व्यवस्था बने समुज्ज्वल ऐसा कुछ प्रयास करें तुच्छ स्वार्थ से ऊपर उठकर आओ हम मतदान करें || भय ,आतंक और हिंसा से
इन वर्दियों में कौन से धागे लगाते हैं । गर्मियां वे बस गरीबों पर दिखाते हैं । ठेलों से उठा लेते हैं वो अंगूर के दाने । जैसे बाप का हो माल वैसे हक जताते हैं । सरपट बैठ जाते हैं दरोगा पांव में जाकर । इन्हें सफेद धागे स
छूट गइल कुल यार संघाती , घरवां के परिपाटी । दिन से भइली हीन गाँव क गरियावेले माटी । धय धय लोला दाबेले सरकार मोदी जी । राम करें तूं बनल रहा बरियार मोदी जी । चिक्कन चिक्कन बात तू खाली टीबी से बतियावा । समय के मारल लइकन
तालिबान: अफ़गान हकीकत जन- सेना सरकार ने, सींचा भृष्टाचार तालिबान आतंक को,मिला सुदृढ़ आधार पाक पड़ोसी ने दिया,दोनों हाथों साथ चीन चाल चूका नहीं,तुरत मिलाया हाथ ' गनी' पलायन कर गया,बिना किए प्रतिकार और साथ में ले गया
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