मैं आज का पत्रकार हूँ !
0मैं आज का पत्रकार हूँ , खबर नहीं , सिर्फ प्रचार हूँ । सत्ता से मेरा सीधा सरोकार है, पत्रकारिकता मेरे लिए व्यापार है । जो कहा जाता कहने को कहता हूँ , शासन के इशारे पर अब बहता हूँ । हर शाम टीवी पर बहस कराता हूँ , लोगों को
मैं आज का पत्रकार हूँ , खबर नहीं , सिर्फ प्रचार हूँ । सत्ता से मेरा सीधा सरोकार है, पत्रकारिकता मेरे लिए व्यापार है । जो कहा जाता कहने को कहता हूँ , शासन के इशारे पर अब बहता हूँ । हर शाम टीवी पर बहस कराता हूँ , लोगों को
कवि का मान है कविता, उसकी पहचान है कविता, दिल की बात जो पहुंचा दे दिल तक, वह आधार है कविता, जज्वात को पिरोकर शब्दों में, शब्दों का हार बनाती कविता, कभी प्यार का करती इजहार, तो कभी मनुहार करती कविता, कभी दिखाती रौद्र रू
हां ! मैं एक कवि हूँ अहसासों को अल्फाज देती हूँ शब्दों को पिरोती हूँ ख्वाबों को बुनती हूँ स्वयं की तलाश करती हूँ नहीं समझ पाती आज भी क्यों होता है दर्द मुझे देखकर दूसरों को तकलीफ में हाँ ! मैं एक कवि हूँ अहसासों को अ
मैं हूँ कलाकार, कला से है मुझे प्यार, करता हूँ मैं सबसे दुलार, अच्छा हो या बुरा, नहीं है मुझे किसी से इंकार, कोई मुझ सा मिले, मुझे रहता सदा इंतज़ार, गलत सही सब हैं मेरे रूप, बदलता हूँ रूप हजार, नहीं किसी से बैर, न किसी द्
Halwahe aur Bail (Farmers and Ox) Here is the hindi poem about ancient and modern farming. In early days farming was an profitable profession. Farmers were use traditional methods for farming. They used animals like ox for ploughing farms. Farming was an respectable profession. These day due to latest technologies the methods of farming have been entirely changed. Although these day due to advanced technologies the production of farmers have been increased but the financial conditions of farmers are not improved. The changes in climate have mad
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