रस भरी तेरे अंग-अंग मद भरे
0रसभरी तेरे अंग-अंग मद भरे, पिया मोहे प्रीति में भीगो रंग ले।
रंग मोहे लाल-लाल रंग भरो गुलाल, मोहे फागुन की फुहार रंग ले।।
आया फागुन रे होवे मतवाला जिया, रंग रंगो कमाल, रंग रंगो गुलाल।
भरो रे अंग-अंग तेरे रस जालीमवा ,मोहे बालम रे रंगे बहार रंग ले।।
मोहे जिया रम को पिला जा बाबरियां ,छलक रही तेरी गागड़ियां।
मोहे झूमा दे बालम, नैना लगा दे बालम, सनम मोहे हजार रंग- रंग ले।।
रसभरी तेरी अदा रस से भरी है, मैं तेरा भोला पिया तू मेरी बाबरी है।
तेरी अदा पिया रे सबसे जुदा है, बालम रे मोहे कमाल रंग-रंग ले।।
आया फागुन रे तू बालम रे, मैं थारे रंग-रंगूं ,तेरे लिए मैं तेरे संग रंगू
तू ले आ जईयो गुलाल भर के कमाल, बालम मोहे धमाल रंग-रंग ले।।
बालम रे-बालम रे आया फागुन रे, रंग लाया कमाल, संग बसंती बहार।
तू होंठों से रस छलका, होंठों से पिला, बालम रे लालम-लाल रंग ले।।
रसभरी तेरे अंग-अंग मदभरे, नैना तेरे मदभरे, मोहे रस में डूबो ले।
आया फागुन रे-आयो फागुन रे, बालम मोहे ऐसों गुलाल रंग-रंग ले।।