रूक अभी
0SONG :- रूक अभी
LYRICIST :- N.K.M.
LYRICS :-
::::::------ INTRO PART ::::::-------
आंख नहीं सुन्दर हमारी,
थोड़े हैं कर्मों से काले-काले...
बन्दूक से रखते हम तो यारी,
दुश्मनों के पड़ते मुंह पे छाले...
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::::::------ CHORUS PART ::::::-------
रूक अभी हम हैं आते...
बोलते ही शाले भग जाते...
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::::::------ VERSE :- 1 PART ::::::-------
दूर से दर्शन दूरदर्शन पर करते,
पास आने की हिम्मत ना करते,
गोलियों की बौछारों से जश्न करते,
मार काट की हर पल माला जपते,
ये तो वो ही है...
धरती इनसे रोई है...
सोचकर कोई भी ना पास आते,
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::::::------ CHORUS PART ::::::-------
रूक अभी हम हैं आते...
बोलते ही शाले भग जाते...
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::::::------ VERSE :- 2 PART ::::::-------
देखते क्या हो भाई खड़े हैं,
तुम छोटे हो हम बड़े हैं,
जोश खुद में भरके दहाड़ रहे हैं,
मुट्ठी में सबको लिए घूम रहे हैं,
सोच भी खुद सोचती है...
ये भी ना टोकती है...
खोलकर दरवाजा हम खुलेआम सोते,
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::::::------ CHORUS PART ::::::-------
रूक अभी हम हैं आते...
बोलते ही शाले भग जाते...
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