Dil Ki Berukhi
0दिल की जुबान कोई समझा नहीं
दिल से दिल किसी ने लगाया नहीं
हर बार धोखा खाते हैं हम दिल से
हर मौड़ पे दिल साथ देता नहीं
हर राह मिलाता हर जगह दिल लगाता
ऐ दिल संभल अब तो तू नहीं तो मैं नहीं
दिलों के मेहखानों में हमदर्द कम हैं
हर दर्द की आँखे भी देखों नम हैं
हर काफिलें तुझसे हैं चलते
तुझ पे ख़त्म होने को
सब दिल से बेगर हैं हो जाते, जो दिल को समझते नहीं
आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)
01:25am, Fri 28-06-2013
_▂▃▅▇█▓▒░ Chandan Rathore (Official) ░▒▓█▇▅▃▂_

wao nice.
superb lines charlie.