सफर खत्म होने को आया
0बस अब कुछ महीनों का सफर
फिर वही सालों की दूरी।
यादों का एक बड़ा सा काफिला
फिर वह ना मिलने की मजबूरी।
याद आप भी करेंगे याद हम भी करेंगे
बस कुछ महीनों के बाद कहने से डरेंगे।
मन में ही रहेगी अब सारी बातें
बस यूं ही कटेगी अब अधूरी रातें।
यह सिलसिला अब यूंही चलेगा
ना जाने अब कब मिलने का मोका मिलेगा।
बस अब एक ख्वाहिश पूरी कर देना
जाते जाते अपनी बाहों में भर लेना।