शाम भी ढल गई ज़िंदगी में एक नए सवेरे के लिए
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यह शाम भी ढल गई
इस उम्मीद के साथ
की सबकी ज़िंदगी में
एक नया सवेरा हो ।
नए सपने हो
कुछ जो नए भी मिलें
वो अपने हो
नई मंजिल हो
और हर चीज को पाने के लिए
चाहत हो ।
तुम्हे इस नए सवेरे यह
एहसास हो
की यह जिंदगी
बहुत खूबसूरत है ।
तो कल अब फिर यह
शाम ढलेगी
उस ही उम्मीद के साथ
एक नए सवेरे के लिए ।
By - Tanmay Jain
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