SONG :- पैसे बहुत मुश्किल से LYRICIST :- N.K.M. [ +916377844869 ] LYRICS :- ::::::------- INTRO PART :::::::----- सुबह उठे तो दिन तुझको हसीन लगे क्योंकि फोन में तुझको मिस कॉल दिखे उसके बाद हाथों की तेरे दौड़ लगे डायलिंग में तेरी डार्लिंग का कॉल लगे क्या कर रही हो जानू य
आरक्षण माँ बच्चों में भेद करेगी समुचित पोषण कैसे होगा… सबसे सम व्यवहार ना होगा इकरस तोषण कैसे होगा… राष्ट्र सभी को है एक जैसा कौम भेद स्वीकार नहीं है… प्रतिभा कुंठित करने वाला आरक्षण स्वीकार नहीं है… आजादी के ल
गरीब को रहने को प्लॉट चाहिए, गरीब को ओढ़ने को कोट चाहिए, गरीब को खरीदने को नोट चाहिए, गरीब को यह सब अलोट होने चाहिए, गरीबों का है देश में बुरा नसीब, ये स्थिति कोई नहीं समझता अजीब, दो वक़्त की रोटी नहीं इनके करीब , पीछे
हड़ताल ।हड़ताल।।हड़ताल।।। 1.अपनी जीत पक्की है, अपनी जीत पक्की है विश्वास कर लिया ,हड़ताल कर लिया 2.शंखनाद ,शंखनाद ,शंखनाद कर दिया चार लाख शिक्षकों ने हुंकार भर दिया 3.शंखनाद ,शंखनाद, शंखनाद कर दिया चार लाख शिक्षकों
Aj fir se ek adhnangi laash sadak pr leti he!!! Kuch Kapde fate hue se he.. Tan fir se nocha gya uska... Man ko sabke jhinjhod gyi wo... Kya kahe ab Kasoor tha Kiska.. ? Suna he shayad kisi abhage Maa Pita ki beti he!! Aj fir se ek adnangi laash sadak pr leti he!!! Kya galti umr ki thi jo kabhi teen kabhi tees rhi.. wo nikli ku bahar sapne lekar, jab raat ghani andher rhi.. Ku dekh na pai mukhote me chipe giddho ko.. hawas k bhukhe bhedhiyo ko, ghinone napak darindo ko... Deh jala di gai he lekin ab bhi ruh kitna sab sahti he... Aj fir se ek ad