मुझे माफ करना।
0नादान भी हूं , जिद्दी भी हूं ,ना समझ भी हूं, पर फिर भी दिल की अच्छी हूं। कुछ बातों को दिल से ना लगाना , गलती हो जाए तो, मुझे माफ करना। पहेलियां बुझाती नहीं ,ना ही टेड़ी बातें करती हूं, जो भी कहती हूं, साफ-साफ कहती हूं , मेर
नादान भी हूं , जिद्दी भी हूं ,ना समझ भी हूं, पर फिर भी दिल की अच्छी हूं। कुछ बातों को दिल से ना लगाना , गलती हो जाए तो, मुझे माफ करना। पहेलियां बुझाती नहीं ,ना ही टेड़ी बातें करती हूं, जो भी कहती हूं, साफ-साफ कहती हूं , मेर
Sara jeevan kho aaya hoon tab aaya hoon paap punya sab dho aaya hoon tab aaya hoon tum paawan ho devtulya, main tumhein samarpit kalush hriday ka dho aaya hoon tab aaya hoon Aahuti dekar chhal chhandon ki prem hawan mein tapkar jalkar virah vedna prem agan mein chintan ki vedi par karke ashru aachman suno bahut main ro aaya hoon tab aaya hoon Deh ke aakarshan hain jhoothe, jaan chuka hoon nahin taarti sada jahanvi maan chuka hoon tyag chuka hoon kaamukta ke bandhan saare malin pank main dho aaya hoon tab aaya hoon Nahin tumhein vishwas yadhapi
मैं द्वार पर खड़ा रहा ,शायद तुम पुकार लो मान लो सब गलतियां और उन्हें सुधार लो जो मैल मन में भर गया,उसे तुम बुहार लो प्यार की बातें करो ,और मुझे दुलार लो भूल सब विवाद को ,प्यार दो और प्यार लो हूँ अगर भटक गया,तो तुम मुझे
गुनहगार मै तेरा मुझे क़ब माफ़ भी कर दो निगाहे आपकी मरहम मेरे इस जख्म पर मल दो ये तेरा प्रेम पूर्ण है न मै इस प्रेम के काबिल न बाधो प्रेम घडियो मे मुझे आज़ाद भी कर दो कहाँ तुम चाँदनी सी हो कहाँ हो देवप्रेमि तुम! मेरा
।।।।।। दिल की पाती ।।।।।। पथराई है आँखें अब तो सूरत देखे साल हुए न चिट्ठी न पाती आई, फोन सुनन बेहाल हुए। इतने निष्ठुर कभी नही थे ,घर में अब तो जाल हुए बीते मेरे कइयो महीने ,घर में बने अब दाल हुए। न दयाआपको आई मुझ पर ,ग
Poemocean Poetry Contest
Good in poetry writing!!! Enter to win. Entry is absolutely free.
You can view contest entries at Hindi Poetry Contest: March 2017