■ मोबाइल तेरी महिमा न्यारी =================== आधुनिक विज्ञान की रचना, जिसका नाम दिया मोबाइल ! शिशु से ले कर बुड्ढे तक भी, हो रहे इसके कायल !! जय जय विज्ञान, हुआ जीना आसान !! रेल की यात्रा या चाहे हवाई , जहाँ भी जिसको जाना ! आरक्षण घर
-आजकल हर हाथ मोबाइल पर ही रहता है- शादीशुदा हो तो अपनी पत्नी को साथ ले कर चला करो बरना मन की बात रेडियो के माध्यम करते नज़र आओगे उमरे दराज़ मांग लाये थे हमने वो जिंदगी के चार दिन दो दिन टेलीविज़न पर कटे बाकी के दो दिन गु
ए मेरे मालिक...... मेरे अपनों पर तू, इतना करम करना... उन के "Mobile" को, संभाल के तू रखना... रिश्ते निभते हैं, आजकल उसी से ही... हमारे रिश्ते को तू, उसी में क़ायम रखना... ना फुर्सत है हमें, कभी मिलने की... "What's up" की डोर से, हमें बांधे रखना..
मेरी IT अब जवान हो गई है, गुल से ये गुलिस्ता हो गई है, बड़े बड़े servers के घर से निकल कर, Clouds के flat मे shift हो गई है। Managers कि गोदी कि जरूरत नही है, पैरो पे अपने खड़ी हो गई है, APIs, Microservices, और DEVOPs, नये नये दोस्तो मै ये खो गई है। Mainframes के घर अब सूने
मोबाइल है बड़े काम का करते सब इसका उपयोग, ज्ञान बढ़ाने में रहता है इसका बहुत बड़ा सहयोग। मित्रों रिश्तेदारों से भी करवा देता है यह बात, हर पल है सेवा में तत्पर चाहे दिवस रहे या रात। दूर दूर के लोगों को यह पल में दे द