Utshah
0☺️☺️ उतसाह 370 ☺️☺️ आतंकवाद को नीचोड कर फेका मीनो से बत्तर । ढोल नगाड़ों के संग हटा तीन सौ सत्तर ।। हटा तीन सौ सत्तर देखो कवि झूमा है । इसी लिये शब्दों को कलमो से चूमा है ।। झूम - झूम कर देखो कवि ने दी है ताली । पांच अगस्
☺️☺️ उतसाह 370 ☺️☺️ आतंकवाद को नीचोड कर फेका मीनो से बत्तर । ढोल नगाड़ों के संग हटा तीन सौ सत्तर ।। हटा तीन सौ सत्तर देखो कवि झूमा है । इसी लिये शब्दों को कलमो से चूमा है ।। झूम - झूम कर देखो कवि ने दी है ताली । पांच अगस्
*आतंकवाद और पाकिस्तान* आज कलम की स्याही सूख गई, आत्मा मेरी दुख गई रफ्तार भी कुछ रुक गई, पर ना सोचना आंख झुक गई जो कांड हुआ है धोके से, जवाब भी तो मिलेगा चौके से हम चाल चलेंगे मोके से, जो ना रुकेगी किसी के रोके से हर भारत
आज की तारीख में हर दिल में आक्रोश और हर हाथ में तख्तियों पर लिखे नारे है ! ये हमारे वीरों की शहादत है और हमने आज कुछ सपूत देश की सुरक्षा में न्योछारे है !! गुस्सा हमारे दिल में है ,क्यों की वो हमारे लाल थे ! ऐ बुजदिल पड़ो
तब बर्दाश्त नहीं होता....... जब बात करता पाक अमन की, और आतंक को जन्म देता है....! बढ़ा कर दोस्ती का हाथ, फिर पीठ में छुरा घोंपता है....! तब बर्दाश्त नहीं होता....... जब देश के जवानों पर, धोखे से वार होता है....! इस देश में रहने वाला ही,
हमारे देश का स्वर्ग अब स्वर्ग न रहा देखने में यह नर्क से बत्तर लग रहा लगाए जा रहे हैं कहीं देश विरोधी नारे हो रही है कहीं जमकर पत्थरबाजियाॅ जलाया जा रहा कहीं हमारा तिरंगा लहराया जा रहा है कहीं पाकिस्तानी झंडा हो
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