Tulsi Das Mahan
1दोहा छंद
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महाकवि तुलसीदास जी की जयंती पर विशेष रचना
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1.
शतशत नमन करें हम, हे ! तुलसीदास महान।
रचकर 'मानस' आपने , कीन्हां अद्भुत काम।।
2.
जन नायक श्री राम को, बना दिया भगवान।
उठते बैठते लोग सब , अब लेत राम का नाम।।
3.
राम लीला का मंचन करै, मिल कर सारा गांव।
सिया राम घर घर पुजें,भक्तपीयें धो करके पांव।।
4.
रामचरित मानस बन गया ,सबसे पावन ग्रंथ।
राम कथा निशिदिन कहें आश्रम में साधू संत।।
5.
'मानस' की महिमा अनंत,ये जीवन का सार।
हर घर में पूजन करें ,श्रद्धा से सारा परिवार।।
6
खुद ही मंदिर बन गया रामचरित का ग्रंथ।
इसमें ढूंढ़े श्रद्धालु ,धर्म का पावन पंथ।।
7.
रामचरित मानस पढ़कर,चकित होंय विद्वान।
सुंदर विधा साहित्य की, इसमें मिलें सुजान ।।
8.
सनातन धर्म को 'मानस' ने ,दिये नये आयाम ।
कोने कोने में पहुंचाया ,हर दिल में बैठाये राम ।।
