शहर की सड़के सूनी पड़ी है।
0शहर की सड़के सूनी पड़ी है फिज़ा भी सहम रही है। हवाओं में जहर घुल चुका है जिंदगियां सिहर रही है।।1।। जाने क्यों मजलूमों की आहे खुदा भी ना सुन रहा है। शैतानों ने बरसाई हैआग सारी बस्तियां उजड़ रही है।।2।। अभी कल की ही
शहर की सड़के सूनी पड़ी है फिज़ा भी सहम रही है। हवाओं में जहर घुल चुका है जिंदगियां सिहर रही है।।1।। जाने क्यों मजलूमों की आहे खुदा भी ना सुन रहा है। शैतानों ने बरसाई हैआग सारी बस्तियां उजड़ रही है।।2।। अभी कल की ही
आसान नहीं होती जिंदगी फ़ौज में क्या कहते हो कट रही है तुम्हारी मौज में कई कई दिन गुजरे हैं अन्न और जल की खोज में . अरे काट रहे है जिंदगी अपनों से दूर रहकर कि तुम अपनो के पास रह सको दिन भर थक हार कर अपना सुख दुःख अपनों स
बर्दाश्त की अब हद हो गई, माफी की अब नहीं गुंजाइश है.... पाकिस्तान तुझे तो अब, तेरी औकात हमें दिखानी है.... बहाया जो लहू जवानों का तुने, उसकी भारी किमत तुझे चुकानी है.... मिटा कर तेरा नामोनिशान, आतंक को हमें सबक सिखानी है....
वृन्दावन में अब नहीं रचता गोपियों संग कृष्ण का दिव्य - सृष्टि को आभासित करने वाला रास, आजकल खोई - खोई रहती है 'राधा' बिन कान्हा के रहने लगा है उसका मन भी उदास। अधीर कर देने वाली कान्हा की बाँसुरी की टेर अब न जाने कहाँ
गीता - सार (आल्हा छंद में) कौरव पाण्डव की सेनायें खड़ी हो गईं सम्मुख आय । कुरूक्षेत्र में रण को आतुर अनगिन योद्धा पड़े दिखाय ॥ महावीर रणधीर बाँकुरे नाना भट प्रतिभट बलवान । अस्त्र शस्त्र आयुध भूषण ले धाये महासमर म
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