14 -Feb-2019 pravin tiwari War Poems 0 Comments 1,486 Views
बर्दाश्त की अब हद हो गई, माफी की अब नहीं गुंजाइश है.... पाकिस्तान तुझे तो अब, तेरी औकात हमें दिखानी है.... बहाया जो लहू जवानों का तुने, उसकी भारी किमत तुझे चुकानी है.... मिटा कर तेरा नामोनिशान, आतंक को हमें सबक सिखानी है....
वृन्दावन में अब नहीं रचता गोपियों संग कृष्ण का दिव्य - सृष्टि को आभासित करने वाला रास, आजकल खोई - खोई रहती है 'राधा' बिन कान्हा के रहने लगा है उसका मन भी उदास। अधीर कर देने वाली कान्हा की बाँसुरी की टेर अब न जाने कहाँ
21 -Nov-2016 Shailendra Tomar War Poems 0 Comments 3,054 Views
मलिन विजय पाकर क्या हुँकारता है
इस जय को भी, तू जय मानता है छल से, संसार सारा जीतकर विष को ही धरा पर सींचकर गिर कर के पतन में जो तुम
चरित्र का करके हरण ही तुम अगर लिये भी तो क्या लिये ??
बोझ सारे ही भुवन का तो लिये एक अर्
सुन लो पाकिस्तान.... एक के बाद एक हमला कर लहू बहाया तूने भारत माँ के लाल का भारत देगा जवाब अब तेरे हर चाल का पाकिस्तान कान खोलकर सुन ले और नहीं करेंगे बर्दाश्त अब समय आ गया है तेरे काल का आतंकवाद को पाल-पोष कर तुम बढ़ा