कदम रख वर्तमान में
0पुरानी जंजीरों कों तोड़, कदम रख वर्तमान में, भविष्य कों आगे बड़ा, देश के भाग्य कों तू, अपना भाग्य बना, हर कदम देश की रक्षा में, अपना तू हाथ बड़ा, गलत का विरोध कर तू, सत्य की राह बना, सहारा बन अपनों का, ख़ुद कों तू आत्मनि
पुरानी जंजीरों कों तोड़, कदम रख वर्तमान में, भविष्य कों आगे बड़ा, देश के भाग्य कों तू, अपना भाग्य बना, हर कदम देश की रक्षा में, अपना तू हाथ बड़ा, गलत का विरोध कर तू, सत्य की राह बना, सहारा बन अपनों का, ख़ुद कों तू आत्मनि
अर्धांगिनी """""""""""""" Wife By Parmanand kumar Andharatharhi Madhubani Bihar 22 jan, 2021 फूलों से भी नाज़ुक होती है संबंध दाम्पत्य जीवन की... पत्नी का प्यार यदि मिल जाए तो मृत्यभूमि भी लगती है जन्नत सी. समंदर से भी गहरा है दाम्पत्य जीवन की गहराई... मगर विश्वास क
Ki Haan ab tumko ghunghat aodh k rahna he.. Band khidki, band jharokhe, band darwaje, Band aankhe sapno se khali... Ek ghar khali sawalo se bhara.. Jha Bs yu hi tumko bandhan payal ka bandhkr Chalna he.. Ki Haan ab tumko har waqt ghunghat aodh k rahna he... Kuch kone udasi bhare... Kuch titaliya berangi si... Kuch sookhi shakhe pedo pr.... Or tumhe bematlab hi unke patte ginte rahna he... Ki Haan ab tumko ghunghat aodh kr chalna he... Magar haan! dhyan se: Hawa tez he, duptta sarak na jae laaj ka, Hotho pr ai khamoshi ka, Dil pr chai chuppi ka,
नारी पर दोहे। 1-मूरत है मामृत्व की,स्नेह उसमें अपार। नारी से ही रचा गया ,यह सारा संसार।। 2-नारी दुर्गा रूप है, संयम अपरम्पार। मत ललकारो स्त्रीत्व को, करो सदव्यवहार।। 3-खिलौना नहीं कामिनी,मत करो दुराचार। काली रूप अग
नारी कोमल सी काया है, ममता की प्यारी छाया है, नर भी उपजें नारी से ही, नारी ने विश्व रचाया है। कन्या बनकर उसने हरपल, बाबुल का गुल महकाया है, बनकर पत्नी हर्षित होकर, साजन का साथ निभाया है, माँ बनकर अपने बच्चों को, प्यारा
Poemocean Poetry Contest
Good in poetry writing!!! Enter to win. Entry is absolutely free.
You can view contest entries at Hindi Poetry Contest: March 2017