स्नेह उसमें अपार।
0नारी पर दोहे। 1-मूरत है मामृत्व की,स्नेह उसमें अपार। नारी से ही रचा गया ,यह सारा संसार।। 2-नारी दुर्गा रूप है, संयम अपरम्पार। मत ललकारो स्त्रीत्व को, करो सदव्यवहार।। 3-खिलौना नहीं कामिनी,मत करो दुराचार। काली रूप अग
नारी पर दोहे। 1-मूरत है मामृत्व की,स्नेह उसमें अपार। नारी से ही रचा गया ,यह सारा संसार।। 2-नारी दुर्गा रूप है, संयम अपरम्पार। मत ललकारो स्त्रीत्व को, करो सदव्यवहार।। 3-खिलौना नहीं कामिनी,मत करो दुराचार। काली रूप अग
नारी कोमल सी काया है, ममता की प्यारी छाया है, नर भी उपजें नारी से ही, नारी ने विश्व रचाया है। कन्या बनकर उसने हरपल, बाबुल का गुल महकाया है, बनकर पत्नी हर्षित होकर, साजन का साथ निभाया है, माँ बनकर अपने बच्चों को, प्यारा
PURANI NAHI HAI MERI KAHANI HA HAI MERI ICHCCHA NIRALI MAI CHAHTI HOO JAGRUT HOYE HAR VO NARI JO CHUP RAHKAR APNI IZZAT BACHATI NARI MIEN BASTI HAI LAXMI, GHAR LATI HAI SUKH SAMRUDDHI. FHIR KYO KAHLATI HAI VAH PANOTI? KAHKAR USE DHAN PARAYA KAR DETE HAI USE PARAYA. AAJ JIS NARI KO DEVI MAA BANAYA KAL USI NARI KO ATYACHARO KA SHIKAR BANAYA AUR VAH BHI NYAY BHI KAHLAYA. MAA SARASVATI SA GYAAN HAI USEMEI. DEVI RADHA SA PREM HAI USEMEI. MAA PAARVATI SI MAMTA HAI USEMEI. MAA DURGA SI SHAKTI HAI USEMEI. MAA KALI SA KRODH HAI USEMEI. NARI KO IZZAT BCH
मुझें तुमसें एक शिकायत है, कयो मेरे साथ पयार भरी बाते नही करते कयो मेरे साथ एक पल बैठा नही करते| मुझें तुमसें एक शिकायत है, कयो मेरे साथ खाना नही खाया करते कयो मेरे साथ एक पल बैठा नही करते| मै कया तुमसे अनजान हूँ, जो त
मेरी रानी है वो, मेरी पटरीनी है वो मेरे सपनो की कहानी है वो,मेरे जीवन की एक कहानी है वो मेरे सुखः-दुखः की सयानी है वो, मेरी मिसी रानी है वो मेरी मिसी रानी है वो,घर के सभी के दिल की रानी है वो| मेरे घर ऑगन की दुलारी है वो,
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