लिख लेती हूं मैं, जब दिल में हो कोई जज़्बात जब मुझे लगे सही गलत कोई बात बस में लिख देती हूं, तब अपने मन की बात। जब मेरे मन में ना हो कोई बात, कोई जज़्बात मैं कोशिशें हजार कर लू, फिर भी कुछ नहीं लिख सकती क्योंकि मैं मन से
दुनियादारी तो सब करते हैं, तू खुद से भी बात किया कर, गैरों को तवज्जो सब देते हैं, तू खुद को भी इक रात दिया कर। इस दुनिया में सिर तो सब खाते हैं, तू ग़म का भी पान किया कर, परेशान करे तुझे कोई भी, तू उसका भी सम्मान किया कर।
कभी दस्तक दी तुमने मेरे ज़हन मे। या मुस्कुराते ही फिरते हो मन ही मन में कौन कमबख्त मरा जा रहा है स्नेह में तेरे हम तो सावन के लहलहाते बालों पे मरते हैं इन भूरे भूरे मेघोँ पे मरते है। मेरी आशिक़ी की इन्तहा तुम क्या दे
GANGSTER-SONG :- नाम मेरा दर्ज़ LYRICIST :- N.K.M. [+916377844869 ] LYRICS :- :::::::----- INTRO-PART :::::::::------ ठिकाणे गैंग में मेरे , लिए मैंने बंदूक के फेरे, प्यार में कैसे पड़ेंगे तेरे... जाना एक बात बता दूं, मेरी दुनिया आ तुझको दिखा दूं, तेरा सौ परसेंट कन्फ्यूज मिटा दू
SONG :- हथियारों की बौछार LYRICIST :- N.K.M. [ +916377844869 ] LYRICS :- :------ INTRO PART :------- घूमूं टोली हर पल मैं लेकर हथियारों की तेरे घर आऊं टोली लेकर बारातियों की कुड़िए ऐसा हो नहीं पाएगा आज दिन हो रहा है, कल रात भी हो सकती है... ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: :------ CHO